भारतीय रेलवे के खुले रहस्य
भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को यात्रा करने के लिए काफी सुविधायें देता है। कुछ नियम ऐसे भी होते है जो कि हमारे काम के होते है पर बहुत से लोगो को इनकी जानकारी नहीं होती है। मैंने कुछ ऐसे ही नियम भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट से समझकर अपने शब्दों में लिखे है। अगर कुछ गलत लगे तो आप अपने सुझाव जरूर दे।
1. यात्रा के दिन में बदलाव:-
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more... अगर किसी कारण से आपकी यात्रा में एक दो दिन का बदलाव करना जरूरी हो जाये तो आप अपना टिकट रद्द करवाये बिना अपनी यात्रा की तारीख बदल सकते है, आप इसे अपनी मूल तारीख से एक दिन पहले या बाद में कर सकते है। यह सुविधा एक टिकट पर केवल एक ही बार ली जा सकती है। इसके लिये आप आरक्षण केंद्र पे जाके निर्धारित शुल्क जमा करना होता है और अपनी मूल टिकट देके नयी टिकट लेनी होती है। आप इस सुविधा में ट्रेन, यात्रा की श्रेणी और गन्तव्य स्टेशन भी बदल सकते है पर यात्रा की श्रेणी और गन्तव्य स्टेशन आपके मूल टिकट के बराबर या ज्यादा/आगे होना चाहिये।
फायदा: भारतीय रेलवे में किसी टिकट को रद्द करने के लिए एक रद्दीकरण शुल्क का प्रावधान है, अगर आपको अपनी यात्रा की तारीख में बदलाव करना पड़ रहा है और आप मूल टिकट रद्द करवा के नयी टिकट बनवाते है तो आपको टिकट रद्दीकरण के रूप में काफी रुपये खर्च करने पड़ सकते है पर अगर आप इस सुविधा का लाभ लेके नया टिकट बनाते है तो आपको काफी कम रूपये खर्च करने पड़ेंगे।
नोट: इस प्रक्रीया में इस बात से कोई फर्क नही पड़ता है कि आपका कोई मूल टिकट कैसा है, आपका मूल टिकट कन्फर्म या RAC या वेटिंग जिस भी प्रकार का है आपको मिलने वाला नया टिकट उस समय की टिकट अपलब्धता पे निर्भर करेगा जिस समय आप नया टिकट बना रहे हैं और उसी के अनुसार आपको कन्फर्म या RAC या वेटिंग में नया टिकट मिलेगा। इसलिए आप नया टिकट जिस दिन का बनवा रहे हैं उस दिन की सीट उपलब्धता पहले देख ले।
2. टेलीस्कोपिक दरे (Telescopic rates)
प्रस्तावना: भारतीय रेलवे द्वारा एक किराया सूची निर्धारित की गयी है जिसमे यात्रा की दुरी के अनुसार किराये की राशी निर्धारित है। इसमें मेल/एक्सप्रेस और राजधानी, शताब्दी, गरीब रथ जैसी ट्रेनों के लिए अलग अलग सारणी बनी हुई है, जिसमे 0 किलोमीटर से 5000-6000 किलोमीटर तक की दुरी के हिसाब से मूल किराया निर्धारित है। जैसे कि 3rd AC में 1120 किलोमीटर का मेल/एक्सप्रेस ट्रेन का मूल किराया 1234 रूपये निर्धारित है और उसके अलावा कुछ दुसरे शुल्क लगते है जैसे कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, सेवा शुल्क आदि तो ये सब मिलाकर ये टिकट आपको 1305 रूपये की मिलेगी।
टेलीस्कोपिक दरे उन्हें कहते है जब आप 2-3 या ज्यादा यात्राए कर रहे हो और किराया एकल यात्रा के हिसाब से दे रहे हो जो कि नियमित किराये की तुलना में काफी सस्ता होता है।
टेलीस्कोपिक दरों का लाभ मुख्यतया 2 तरीको से लिया जा सकता है पहला जब आप यात्रा विराम के साथ में टिकट बनवा रहे हो दूसरा जब आप सर्कुलर यात्रा टिकट बनवा रहे हो। ये दोनों तरीके आगे विस्तार से वर्णित है।
3. यात्रा के दौरान यात्रा का विस्तार करना:-
. अगर आप किसी ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं और किसी कारण से आपको अपने टिकट के गन्तव्य स्थान से आगे यात्रा करनी हो तो आप अपनी यात्रा का विस्तार कर सकते है इसके लिए आपको ट्रेन में TTE से मिलकर अपना नया गन्तव्य स्थान बताना होगा और मूल गन्तव्य स्थान से नए गन्तव्य स्थान के बीच का नयी टिकट के जितना किराया देना होगा। इस सुविधा में किराये में कोई रियायत नही दी जाती है और टेलीस्कोपिक दरों का लाभ भी नहीं मिलता है।
फायदा: जब आपको अपने गन्तव्य स्थान से आगे की यात्रा करनी हो तो आप वैध टिकट बनवा कर आराम से यात्रा कर सकते है। इस सुविधा से आप निश्चिंत होके अपनी आगे की यात्रा कर सकते है।
4. सर्कुलर यात्रा टिकट
किसी स्टेशन से 4-5 जगह घूम कर उसी स्टेशन तक की यात्रा (Circular journey)
यदि आप थोड़ी लम्बी छुट्टीयों पे कई सारे धार्मिक या दर्शनीय स्थानों की यात्रा करना चाहते है, तो आपको अपनी यात्रा के प्रत्येक भाग की अलग-अलग ट्रेन टिकट बनवाने की जरुरत नहीं है। भारतीय रेल ऐसी यात्राओं के लिए एक सर्कुलर यात्रा टिकट की सुविधा उपलब्ध करवाता है जिसमे आप अपनी पूरी यात्रा की एक सर्कुलर टिकट बनवा सकते है। इस सर्कुलर टिकट का खर्चा अलग-अलग टिकटों की तुलना मे काफी कम होता है।
फायदा: सर्कुलर यात्रा टिकट के माध्यम से हमें टेलीस्कोपिक दरों का लाभ मिलता है, जो नियमित किराये की तुलना में काफी कम होता है। अगर आप 5 ट्रेन में अलग अलग टिकट बनवाते है और एक सम्पूर्ण यात्रा के लिए एक सर्कुलर यात्रा टिकट बनवाते है तो आपको ये टिकट अलग अलग टिकटों की तुलना में बहुत ही सस्ता मिलेगा और पूरी यात्रा के लिए एक ही टिकट में काम हो जायेगा।
5. यात्रा विराम (Break Journey)
अगर आप दो स्थानों के बीच यात्रा करना चाहते है और आपको इन दोनों स्थानों के बीच में किसी स्थान पे एक-दो दिन का कोई काम है तो आप इस सुविधा का लाभ ले सकते है। इस सुविधा में यात्रा की न्यूनतम दुरी 500 किमी होना जरूरी होता है। 500 किमी से 1000 किमी की दूरी के लिए आप एक जगह विराम ले सकते है। 1000 किमी से अधिक दूरी के लिए अधिकतम 2 जगह विराम ले सकता है पर विराम की अवधि 2 दिन से अधिक नहीं हो सकती। यात्रा विराम का पहला स्टेशन मूल स्टेशन से कम से कम 500 किलोमीटर दूर होना चाहिये।
यात्रा विराम के दिनों में आगमन और प्रस्थान का दिन नहीं गिना जाता है और 24 घन्टे से कम के यात्रा विराम के लिये इस सुविधा का लाभ नही लिया जा सकता।
आप जिस स्टेशन पे यात्रा विराम कर रहे है वहाँ पे पहुँचते ही सबसे पहले स्टेशन मास्टर के पास जाके अपनी टिकट की पुष्टि करवा ले। यात्रा विराम की टिकटों के लिए ये आवश्यक है वरना आपको आगे की यात्रा में परेशानी हो सकती है।
फायदा:
अगर आप किन्ही दो स्थानों (A से C) के बीच एक टिकट बनवाते है और अगर आप इन्ही स्थानों के बीच किसी स्टेशन (B) पे रुक के 2 अलग अलग टिकटें (A से B और B से C) बनवाते है तो इन 2 टिकटों का किराया एक टिकट के किराये से ज्यादा होता है जबकि आप दोनों ही तरीको से समान दूरी तय कर रहे होते है। अगर आप यात्रा विराम के साथ टिकट बनवाते है तो आपको टेलीस्कोपिक दरों का फायदा मिलता है इससे आप को सामान्य किराये से कम किराया देना होगा। इसमें आपको 1 टिकट जितना ही किराया देना होगा।
नोट:- हालाँकि इस ब्लॉग को लिखने और इसमें दी गयी जानकारी जुटाने में सावधानी बरती गयी है पर फिर भी अगर कुछ गलत लगे तो आप अपने सुझाव जरूर दे, ताकि इसमें सुधर कर सकू।