यह तो पक्का है कि ग्वालियर - बरौनी का रूट नहीं बदलेगा और बदलना भी नहीं चाहिए
रेलवे सुशासन एक्सप्रेस का रूट नहीं बदल पा रही है जबकि इस ट्रैन को यह कहकर ही चलाया था कि इटावा रूट का clearness मिलने के बाद इसका रूट बदल दिया जायेगा, लेकिन अब वाया दिल्ली सफल होने के कारण रूट बदल रहे तो बरौनी मेल का रूट बदलने का सवाल नहीं है
और बात करें ग्वालियर की प्रिंट मीडिया की फेक न्यूज़ की, न्यूज़ फेक नहीं होती केवल पब्लिश्ड करने का तरीका गलत होता जब...
more... कोई भी मंत्री या सांसद कोई डिमांड करते है तो न्यूज़ पेपर वाले उसे यह कहकर प्रिंट / पब्लिश्ड करते हैं -- ऐसा होगा
जैसे कल ही सांसद ने भोपाल इंटरसिटी की मांग की तो न्यूज़ पेपर ने प्रिंट किया - जल्दी चल सकती है भोपाल के लिए इंटरसिटी। यह नेस पेपर के नए एडिटर की गलती ज्यादा होती है - ऐसा मुझे लगता है
इसी प्रकार कुछ महीने पहले भिंड - सांसद ने सावरमती को एक दिन वाया भिंड - इटावा चलाने की मांग की तो न्यूज़ पेपर ने प्रिंट किया "साबरमती एक दिन वाया इटावा कानपूर जाएगी"
बस ज्यादा उत्साह में टाइटल बदल देते हैं