अगर प्लेटफार्म पर कोच की स्तिथि बताने वाले इंडिकेटर है तो फिर इतनी दिक्कत नहीं होनी चाहिए लेकिन बात भी सही है। रात का समय है ऐसे में अगर किसी बुजुर्ग को यात्रा करनी हो तो वो कैसे जाएगा। घर से कोई छोड़ने आए तो 3 मिनट कोई इतना समय नहीं होगा की घर से आने वाला व्यक्ति ट्रेन में चढ़ा कर सामान आराम से रख सके।
यह छोटे शहरों में रहने वाले लोगो के मानवाधिकार का हनन है।