मेरे को आजतक ये बात समझ नहीं आयी की रेलवे ने आखिर किस आधार पर श्रीगंगानगर-अमृतसर नई रेल सेवा को 9 लाख का घाटा बताकर चलाया ही नहीं।
जबकि मौजूदा समय में श्रीगंगानगर, अबोहर, मलोट, बठिंडा, बरनाला से रोजाना 200 प्राइवेट व सरकारी बसे लुधियाना, जालंधर, व्यास, अमृतसर के लिए चल रही है,
श्रीगंगानगर-अमृतसर नई रेल सेवा की मांग पिछले 20 सालों से हो रही है हर साल श्रीगंगानगर-अमृतसर रेल सेवा का प्रस्ताव बनता है लेकिन ट्रेन चलती कभी भी नहीं