यह समाचार सबूत है कि सीकर , रींगस , झुंझुनू व फतेहपुर के सांसद व विधायक किस तरह जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते रहे हैं . कोशिश यही रहती है कि किसी भी तरह मीडिया में समाचार तो आते रहें पर रेलगाड़ी का कोई भी काम आगे नहीं बढ़ पाए . कोई न कोई बहाना जनप्रतिनिधि व रेल अधिकारी अग्रिम तैयार रखते हैं . यही प्रगति रतनगढ़ से सरदारशहर रेल प्रोजेक्ट की है जो आज के दिन महज प्रोजेक्ट ही बनकर रह गया है ) धन्य है यहाँ कि जनता जिसको जागरूकता के अभाव में जनप्रतिनिधि व रेल अधिकारी बहुत ही अच्छी तरह बेवकूफ बना रहे हैं . पूर्ववर्ती जनप्रतिनिधियों के केवल नाम ही बदले हैं काम वही हैं ढाक के तीन पात . अगर सीखना है तो बीकानेर से शिक्षा लेवें .