नई दिल्ली। औरंगाबाद के रेल हादसे ने पूरी दुनिया को विचलित कर दिया। 16 लोग गांव के लिए पैदल चले थे। भूख-प्यास से लड़ रहे इन लोगों को थकावट इतनी ज्यादा हो गयी कि उनको रेल पटरियों और घर की चारपाई के बीच के अंतर का अहसास भी नहीं हुआ। वे रेल पटरियों पर सो गये और आखिर में इतनी गहरी नींद में सो गये कि वे कभी भी पुन: उठ नहीं पायेंगे। यह हादसा देश की नौकरशाही की संवेदनहीनता को भी उजागर करता है। लॉकडाउन के बाद हालात की गंभीरता ने समझ पाने के लिए राज्य सरकारों को भी कटघरे में खड़ा करता है। more....